पटना: चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इस घोषणा के अनुसार मतदान दो चरणों में आयोजित होगा — पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। यह निर्णय इस बात को सुनिश्चित करता है कि नई सरकार का गठन मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल के समाप्त होने से पहले हो सके।
चयन प्रक्रिया और तैयारियाँ
चुनाव आयोग ने बताया है कि मतदान प्रक्रिया सीमित संख्या से अधिक चरणों में नहीं होगी, ताकि चुनाव व्यवस्था सुचारू बनी रहे। इसके अलावा, मतदाता सूची को सत्यापित करने और उसमें त्रुटियों को सुधारने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का उपयोग किया गया है। इस प्रक्रिया में राज्य भर में लाखों नामों की पुनरावलोकन और त्रुटि सुधार की गई है।
राजनीतिक तापमान और प्रतिद्वंद्विता
इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और INDIA ब्लॉक के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है। विपक्ष ने मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा और सहयोगी दलों का दावा है कि यह सुधार चुनाव की शुद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक कदम है।
मतदाता सूची में बदलाव और सरलीकरण
SIR प्रक्रिया के तहत कुल 7.24 करोड़ की प्रारंभिक सूची बनाई गई और इसमें संशोधन के बाद कुछ नामों को हटाया-जोड़ा गया। आयोग ने घोषणा की है कि लगभग 98.2% मतदाताओं ने आवश्यक दस्तावेज समय पर जमा किए हैं, जिससे सूची को लगभग पूर्ण रूप से “सुधारित और शुद्ध” किया गया है।
चुनाव की चुनौतियाँ और आयोजन
चुनाव आयोग को इस बार त्योहारों, मौसम, भू-पारिस्थितिकी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तटस्थ तारीखों का चयन करना पड़ा। बिहार की राजनीतिक विभाजन, बाहरी दखल-अदखल के आरोप और मतदाता सूची विवाद ने चुनाव का माहौल पहले ही गरमा दिया है। अब देखना है कि ये चुनाव मतदाताओं का विश्वास बहाल कर पाएंगे या नहीं।
राज्य में सभी राजनीतिक दल अंतिम दौर की तैयारियों में जुट गए हैं। उनके प्रचार अभियान, टिकट वितरण और गठबंधन रणनीतियाँ अब अधिक तीव्र हो जाएँगी। बिहार की राजनीति के भविष्य की दिशा 6 नवंबर से ही स्पष्ट हो जाएँगी।