उत्तराखंड के इस जिले में गाड़ी का वीआईपी नंबर लेने का बढ़ा क्रेज, 0001 नंबर के दाम सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश
पिछले साल दिसंबर महीने में 0001 नंबर लेने के लिए एक वाहन मालिक ने 3.38 लाख रुपये खर्च किए हैं. लोगा वीआईपी नंबर के लिए लगने वाली बोली में लाखों रुपये खर्च करके गाड़ी का नंबर अपनी पसंद से हासिल करते हैं.
कुछ लोगों पर गाड़ी और इसके वीआईपी नंबर की दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है. यही कारण है कि लोगा वीआईपी नंबर के लिए लगने वाली बोली में लाखों रुपये खर्च करके गाड़ी का नंबर अपनी पसंद से हासिल करते हैं. परिवहन विभाग के अंतर्गत आने वाले हल्द्वानी और रुद्रपुर में फैंसी नंबर लेने के मामले में नैनीताल जिले के वाहन मालिक नीलामी में जमकर रुपया लगा रहे हैं. दिसंबर में नैनीताल जिले में 26 वाहन मालिकों ने नीलामी से अपना पसंदीदा नंबर लिया है. जबकि रुद्रपुर में 9 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर लिए हैं. वाहन की नंबर प्लेट यूनिक और फैंसी दिखाने के लिए हल्द्वानी के वाहन मालिक भी लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं. पिछले साल दिसंबर महीने में 0001 नंबर लेने के लिए एक वाहन मालिक ने 3.38 लाख रुपये खर्च किए हैं. वहीं दो अन्य वाहन मालिकों ने पसंदीदा नंबर लेने के लिए एक लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं. जबकि करीब 30 वाहन चालकों ने भी नीलामी से अपना पसंदीदा नंबर चुना है.
दरअसल परिवहन विभाग महीने में दो बार 15 और 30 तारीख को फैंसी नंबरों की नीलामी करता है. जिसके लिए शुरुआती 6 दिन नंबर के लिए आवेदन करने का समय दिया जाता है. इसके बाद नीलामी की जाती है. नीलामी में 0001 और 0786 नंबर का बेस प्राइस सबसे अधिक एक लाख रुपये तय है. हल्द्वानी में सबसे अधिक बोली 0001 नंबर के लिए 3.38 लाख रुपये के लिए लगी है. जबकि 0009 नंबर 1.62 लाख रुपये और 1111 नंबर 1.05 लाख रुपये में बिका है. 0007 नंबर के लिए वाहन मालिक ने 60 हजार रुपये खर्च किए हैं. जबकि 32 हजार रुपये में एक, 26 हजार में चार, 25 हजार रुपये में 8 नंबर नीलाम हुए हैं. वहीं दूसरी ओर रुद्रपुर में सबसे महंगा नंबर 30 हजार रुपये में नीलाम हुआ है.