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बिना पेंशन की देश सेवा बनी टेंशन, अग्निवीरों के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है दुल्हनियां ढूंढना..लड़कियां कर रहीं इंकार

लड़कियां शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दे रही हैं. उनका साफ कहना है कि चार साल के बाद अग्निवीरों के लिए नौकरी मिलना मुश्किल होगा. इसलिए लड़कियों के परिजन रिश्ता करने से परहेज कर रहे हैं.

अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती हुए अग्निवीरों को दुल्हन ढूंढना अग्नि परीक्षा साबित हो रहा है. लड़कियां शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दे रही हैं. उनका साफ कहना है कि चार साल के बाद अग्निवीरों के लिए नौकरी मिलना मुश्किल होगा. इसलिए लड़कियों के परिजन रिश्ता करने से परहेज कर रहे हैं. परिजनों के लिए अपने अग्नीवीर बेटों के लिए दुल्हन ढूंढना अग्निपथ पर चलने या सीमा पर आने वाली चुनौतियों से कम नहीं है. डीडीहाट तहसील के करीब पांच से अधिक अग्निवीरों के परिजनों ने बताया कि उनके बेटों के लिए दुल्हन नहीं मिल रही हैं. लड़कियां उनसे शादी करने से सीधे-सीधे इन्कार कर दे रही हैं. डीडीहाट तहसील में पांच हजार से अधिक परिवार फौज में नौकरी कर चुके हैं. पूर्व फौजी धन सिंह कफलिया कहते हैं कि पहले से फौज में भर्ती होने वाले लड़के की ट्रेनिंग के दौरान ही विवाह हो जाता था. भले ही फौजी आठ पास की भर्ती से फौजी बना होता था, परंतु उसकी पत्नी स्नातक या बीएड पास होती थी. अब स्थिति बदल गई है.

नाम नहीं छापने की शर्त पर सुभाष वार्ड निवासी युवक ने बताया कि एक साल पहले अग्निवीर के पद पर चयन हुआ. परिजनों ने अक्टूबर महीने से शादी के लिए लड़की की तलाश शुरू कर दी. पिता बताते हैं कि कई घरों में शादी का प्रस्ताव भेजा. लड़कियों ने जवाब दिया कि चार साल बाद आपका बेटा बेरोजगार हो जाएगा. अग्निवीरों को पेंशन भी नहीं दिए जाने का प्रावधान है. ऐसे में चार साल सैन्य सेवा के बाद बेटे को नौकरी भी मिलना मुश्किल होगा. इसलिए लड़कियां अग्निवीर बेटों के साथ रिश्ते करने से परहेज कर रही हैं. लड़के के परिजनों को लड़कियां ढूंढने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. दूसरी घटना मिर्थी निवासी युवक के साथ घटी. परिजन अग्निवीर बेटे का रिश्ता पिछले दो माह से तलाश कर रहे हैं. अब तक उन्होंने 12 लड़कियों के घरों पर दस्तक दी है. परिजनों को सभी के घरों से इंकार में जवाब मिला. पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारी भी मान रहे हैं कि रिटायर्ड पूर्व फौजी भी अपनी बेटियों का रिश्ता अग्निवीरों से करने में कतराने लगे हैं.

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