उत्तराखंड

मंडुवा, झंगोरा, लाल चावल समेत उत्तराखंड के 18 उत्पादों को मिला GI टैग, एक दिन में सर्वाधिक GI टैक लेने का रचा इतिहास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया. उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया. उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं. अब तक उत्तराखण्ड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. राज्य को जो 18 नये जी.आई प्रमाण पत्र मिले हैं. उनमें उत्तराखण्ड चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखोरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहत, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमांऊनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं.

उत्तराखण्ड के नौ उत्पादों तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जी.आई टैग पहले ही मिल चुका है. जिससे इन उत्पादों की न तो कोई नकल कर सकेगा और न ही अपना ब्रांड होने का दावा कर सकेगा. इससे उत्पादों की नकल करने पर रोक लगेगी. साथ ही वैश्विक स्तर पर उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी. वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के जीआई रजिस्ट्री विंग की ओर से स्थानीय उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया जाता है. इससे उत्पाद के उत्पादन क्षेत्र की अक्षांश व देशांतर लोकेशन, भौगोलिक व जलवायु विशेषता, उत्पाद की गुणवत्ता का गहन परीक्षण किया जाता है.

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