उत्तराखंड

उत्तराखंड में शोपीस बने ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन के उपकरण, नहीं लग पा रहा मौसम का सटीक अनुमान

उत्तराखंड के के कई जिलों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और रेन गेज के उपकरण शोपीस बने हैं. जिसके चलते मौसम की सटीक जानकारी के लिए पड़ोसी जिलों की मदद ली जा रही है.

उत्तराखंड में हर साल मौसम कहर बरपाता है. इस समय मॉनसून सीजन भी चरम पर है, लेकिन सूबे के कई जिलों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और रेन गेज के उपकरण शोपीस बने हैं. जिसके चलते मौसम की सटीक जानकारी के लिए पड़ोसी जिलों की मदद ली जा रही है. मौसम विभाग की ओर से प्रदेशभर में 132 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और 52 रेन गेज लगाए गए हैं. ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन हर घंटे या प्रोग्रामिंग अनुसार अपने आसपास के मौसम जैसे हवा की रफ्तार, तापमान, बारिश, नमी आदि की सटीक जानकारी देता है.

इससे प्राप्त डाटा के आधार पर ही मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से अनुमान जारी किया जाता है. जबकि, रेन गेज से बारिश के आंकड़े रिकॉर्ड किए जाते हैं. लेकिन, कई जगह उपकरणों की बैटरी खराब होने और नेटवर्क न होने से चारधाम समेत कई पहाड़ी इलाकों से बारिश संबंधी डाटा नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते बारिश का सटीक पूर्वानुमान जारी करने में मुश्किल हो रही है. उधर, मौजूदा समय में कुछ ही दूरी में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं. हालांकि, किसी जिले का वेदर स्टेशन खराब होने पर वैज्ञानिक उसके आसपास के जिलों के स्टेशन से प्राप्त डाटा से अनुमान जारी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें -  दुःख़द खबर: सिक्किम सड़क हादसे में देवभूमि जवान शहीद, रविंद्र के घर में पसरा मातम
Back to top button