मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड के प्रसिद्ध फल काफल भेंट किए गए थे. जो कि पीएम मोदी को बेहद पसंद आए. प्रधानमंत्री ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से भेजे गए रसीले और दिव्य मौसमी फल ‘काफल’ मिले हैं. हमारी प्रकृति ने हमें एक से बढ़कर एक उपहार दिए हैं और उत्तराखण्ड तो इस मामले में बहुत धनी है, जहां औषधीय गुणों से युक्त कंद-मूल और फल-फूल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैँ. पीएम मोदी ने कहा कि काफल ऐसा ही एक फल है जिसके औषधीय गुणों का उल्लेख प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी मिलता है. काफल उत्तराखंड की संस्कृति में भी रचा बसा है. इसका उल्लेख विभिन्न रूपों में यहां के लोकगीतों में भी पाया जाता है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जाएं और वहां मिलने वाले विभिन्न प्रकार के पहाड़ी फलों का स्वाद ना लें, तो यात्रा अधूरी लगती है.
आइये अब आपको काफल के औषधीय गुणों से भी अवगत कराते हैं. स्वाद में बड़े से बड़े फल को टक्कर देने वाले काफल के अंदर प्रचुर मात्रा में आयरन और विटामिन होता है. काफल का जूस को पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है. इसका जूस पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे एसिडिटी, गैस, कब्ज आदि को भी सही करता है. काफल कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है जिसमें से कैंसर भी एक है. जी हां, इस पहाड़ी फल के अंदर कैंसर तक को हराने की ताकत है. इसी के साथ एनीमिया, अस्थमा, जुखाम, बुखार, अतिसार, बुखार आदि बीमारियां इसका सेवन करने से ठीक हो जाती हैं. केवल शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक बीमारी ठीक करने में भी काफल बहुत उपयोगी होता है. इसके अंदर कई तरह के एन्टी ऑक्सिडेंट और एन्टी डिप्रेशन तत्व मौजूद रहते हैं जो कि डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी ठीक कर सकते हैं. इतने सारे औषधीय गुणों के साथ काफल का स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है. स्वाद में खट्टा-मीठा और रंग में सुर्ख लाल काफल का फल अधिकांश पहाड़ियों की पहली पसंद होती है