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उत्तराखंड के इन जिलों में भूस्खलन से सबसे अधिक खतरा, ISRO की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

सर्वे के मुताबिक रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में भूस्खलन जोखिम वाले टॉप जिले हैं.

उत्तराखंड के जोशीमठ की खबरें अभी पुरानी भी नहीं हुईं कि एक और चौंकाने वाली खबर सामने आ गई है. ISRO ने भूस्खलन एटलस जारी किया है.  रिपोर्ट में भूस्खलन जोखिम विश्लेषण किया गया है. इसके अनुसार, सर्वाधिक भूस्खलन प्रभावित 147 जिलों में उत्तराखंड के सभी 13 जिले शामिल हैं. इनमें चमोली जिला भूस्खलन जोखिम के मामले में देश में 19वें स्थान पर है. बता दें कि चमोली जिले का जोशीमठ शहर इन दिनों भूस्खलन के खतरे की चपेट में है.  वैज्ञानिक इसकी तकनीकी जांच कर खतरे को भांप रहे हैं. बहरहाल उपग्रह से लिए गए चित्रों की रिपोर्ट बता रही है कि उत्तरकाशी देश में 21वें स्थान पर है. पौड़ी गढ़वाल की 23वीं और देहरादून जिले की 29वीं रैकिंग हैं. इस सर्वे के मुताबिक रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में भूस्खलन जोखिम वाले टॉप जिले हैं. 

देखा जाए तो भूस्खलन प्राकृतिक आपदा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु में आते बदलावों के चलते अकस्मात होती भारी बारिश भी भूस्खलन को बढ़ा रही है. पता चला है कि हिमालय क्षेत्र में भूस्खलन की 73 फीसदी घटनाओं के लिए भारी बारिश और जमीन की पानी को सोखने की घटती क्षमता जिम्मेवार है. दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा 2020 में किए एक अध्ययन से पता चला है कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के कारण भारी वर्षा हो रही है जो ढीली मिट्टी के साथ खड़ी ढलानों को नष्ट कर रही है. देखा जाए तो कहीं न कहीं इन आपदाओं को हम इंसानों ने ही न्यौता दिया है, जिस तरह से हिमालय जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अनियंत्रित विकास हो रहा है वो इस क्षेत्र को विनाश की ओर ले जा रहा है. ऐसे में इन आपदाओं के लिए हम केवल प्रकृति को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते.

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