उत्तराखंडचमोली

बदरीनाथ तक पहुंचने का हर रास्ता हो जाएगा बंद.. क्या सच होने वाली है भयानक भविष्यवाणी?

बदरीनाथ का अहम पड़ाव और पर्यटकों के लिए खास जोशीमठ दरक रहा है. स्थानीय लोग और जानकारों का दावा है कि ये शहर अब अंतिम सांसे गिन रहा है.

हिंदूओं की आस्था का केन्द्र, बदरीनाथ का अहम पड़ाव और पर्यटकों के लिए खास जोशीमठ दरक रहा है. स्थानीय लोग और जानकारों का दावा है कि ये शहर अब अंतिम सांसे गिन रहा है. ऐसे में जोशीमठ और देवभूमि को लेकर शास्त्रों और पुराने जानकारों की दावों को लेकर कई तरह की बातें अब सोशल मीडिया में वायरल हो रही  है.  इस बीच अब जोशीमठ में आई दरारों को एक सदियों पुरानी भविष्यवाणी से जोड़ा जा रहा है. यह भविष्यवाणी जोशीमठ और आसपास के गांवों में सदियों से लोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर करते रहे हैं. स्थानीय लोगों का दावा है  कि एक समय बाद कलियुग में भगवान बद्रीनाथ भक्तों को भविष्य बद्री में दर्शन देंगे. यहां एक शिला है जिस पर अभी अस्पष्ट आकृति है, पहाड़ों में इस तरह की चर्चा भी आम है कि भगवान की यह आकृति धीरे-धीरे उभर रही है. जिस दिन यह आकृति पूरी तरह से उभर कर आ जाएगी उस समय से बद्रीनाथ भगवान भविष्य बद्री में ही भक्तों को दर्शन देंगे. जोशीमठ में आ रही दरारें और भू धंसाव को इसी से जोड़ा जा रहा है. हालांकि ये सब बातें वायरल के तौर पर मानी जा रही है जिसका किसी तरह की पुष्टि और प्रमाण नहीं है. 

आपको बता दें की भगवान बदरी विशाल के धाम के स्थान परिवर्तन की भविष्यवाणी का उल्लेख प्राचीन ग्रंथ ‘सनथ संहिता’ में भी किया गया है. इसमें कहा गया है कि जब जोशीमठ में नरसिंह की मूर्ति का हाथ गिर जाएगा. विष्णुप्रयाग के पास जय और विजय के पहाड़ ढह जाएंगे तो बद्रीनाथ का वर्तमान मंदिर दुर्गम हो जाएगा. इस स्थिति में भविष्य बदरी मंदिर में भगवान विष्णु के बदरीनारायण स्वरूप की पूजा होगी. दरअसल, जोशीमठ में भगवान नरसिंह का मंदिर है. यहां पर स्थित भगवान नरसिंह ध्यान अवस्था में स्थापित हैं. भगवान नरसिंह को भगवान विष्णु के अवतारों में एक माना गया है. उनकी मूर्ति का हाथ बालों जितना पतला हो गया है. हालांकि, अभी तक यह गिरा नहीं है. वहीं लोग सदियों पुरानी भविष्यवाणी पर हैरानी जता रहे हैं. जोशीमठ में स्थित भगवान नरसिंह मंदिर के मुख्य पुजारी संजय प्रासद डिमरी ने कहा कि स्थानीय लोगों को लगता है कि शायद देवता नाराज हैं. इसलिए पवित्र शहर में परेशानी करने वाली घटनाएं सामने आनी शुरू हुई हैं. पुजारी ने बताया कि मूर्ति शालिग्राम पर अवस्थित हैं. यहां भगवान नरसिंह की मूर्ति प्रत्येक गुजरते दिन के साथ अपनी भुजा पतली कर रही है. हम इसे हर दिन सुबह भगवान के जलाभिषेक के दौरान देखते हैं. इसके अलावा पुजारी ने दावा किया कि भविष्य बदरी में भगवान बदरीनाथ की एक और मूर्ति है, जो अपने आप उत्पन्न हुई और बीतते दिन के साथ बड़ी होती जा रही है.

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