उत्तराखंड

UKSSSC पेपर लीक: छात्रों का गुस्सा फूटा, सीएम धामी ने दिया भावुक संदेश

देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले में बेरोजगार छात्रों का आंदोलन लगातार तेज़ हो रहा है। राजधानी देहरादून सहित कई जिलों में युवा धरने-प्रदर्शन कर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह सिर्फ एक परीक्षा का घोटाला नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और भविष्य से सीधा खिलवाड़ है।

छात्रों की पीड़ा और आरोप

युवाओं ने आरोप लगाया कि बार-बार पेपर लीक होने से उनकी वर्षों की तैयारी बेकार चली जाती है। उनका कहना है कि सिस्टम में बैठे लोग ही नकल माफियाओं को संरक्षण देते हैं, जिससे योग्य और मेहनती छात्र पीछे रह जाते हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि यह सिर्फ नौकरी पाने की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे तंत्र को बदलने की मांग है।

मुख्यमंत्री धामी ने दिया संदेश

लगातार बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा— “आपका दर्द मेरा दर्द है। आपकी नाराज़गी जायज़ है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी मेहनत और भविष्य की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हमने पहले ही सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है और अब इस प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी है।”

सीएम धामी ने यह भी अपील की कि छात्र आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाएं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।

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आंदोलन और पुलिस कार्रवाई

धरनों के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कई जगह उनके साथ धक्का-मुक्की और लाठीचार्ज किया। इससे युवाओं का गुस्सा और भड़क गया है। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने का हर प्रयास नाकाम होगा और वे न्याय मिलने तक पीछे नहीं हटेंगे।

व्यापक जांच की मांग

छात्रों ने SIT जांच को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि अब तक केवल छोटे आरोपियों पर शिकंजा कसा गया है, जबकि बड़े माफिया और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों को बचाया जा रहा है। आंदोलनकारी चाहते हैं कि केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि पूरे तंत्र में पारदर्शिता और सुधार सुनिश्चित किए जाएं।

संघर्ष जारी रहेगा

पेपर लीक प्रकरण अब केवल परीक्षा का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि यह युवाओं की अस्मिता और न्याय की लड़ाई बन गया है। छात्रों का कहना है कि सरकार की भावनात्मक अपील का वे सम्मान करते हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई और दोषियों को सजा मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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