उत्तराखंड

Breaking: हरक सिंह रावत पर 70 करोड़ की जमीन घोटाले में ED ने दाखिल की चार्जशीट

पत्नी, करीबी और ट्रस्ट के खिलाफ भी विशेष कोर्ट में अभियोजन शिकायत

देहरादून, 18 जुलाई 2025 — उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री और भाजपा सरकार में विवादों में रहे हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सहसपुर में 70 करोड़ रुपये की जमीन घोटाले के मामले में हरक सिंह रावत समेत उनकी पत्नी, करीबी और एक ट्रस्ट के खिलाफ PMLA कोर्ट (विशेष न्यायालय) में चार्जशीट दाखिल कर दी है।

जमीन सौदे में फर्जीवाड़ा, कोर्ट ने पहले ही रद्द किए थे दस्तावेज

ईडी की जांच में सामने आया है कि हरक सिंह रावत ने अपने करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के साथ मिलकर सहसपुर स्थित विवादित जमीन की दो पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर कराईं। कोर्ट द्वारा पहले ही इन सौदों को अवैध घोषित कर दस्तावेजों को रद्द किया जा चुका था, इसके बावजूद जमीन को अवैध तरीके से उनकी पत्नी दीप्ति रावत और करीबी लक्ष्मी राणा को बेचा गया दिखाया गया।

ट्रस्ट और संस्थान की आड़ में चल रहा संचालन

विवादित जमीन पर फिलहाल “दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस” संचालित किया जा रहा है, जिसका प्रबंधन हरक सिंह के पुत्र तुषित रावत कर रहे हैं। यह संस्थान श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के अंतर्गत आता है, जो अब जांच के घेरे में है।

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जनवरी में अटैच की गई थी 101 बीघा ज़मीन

ईडी ने जनवरी 2025 में इंस्टीट्यूट की 101 बीघा जमीन को पहले ही अस्थायी रूप से अटैच कर लिया था। अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद हरक सिंह रावत और अन्य आरोपियों की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

पहले से कई मामलों में जांच के घेरे में हैं हरक सिंह

हरक सिंह रावत पहले ही कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान और अनधिकृत निर्माण के मामले में CBI और ED की जांच का सामना कर रहे हैं। इस प्रकरण में कई वरिष्ठ वन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो चुकी है। आरोपी अधिकारियों के नाम पर दर्ज करोड़ों रुपये की संपत्ति पहले ही कुर्क और अटैच की जा चुकी है।

अब कांग्रेस में, लेकिन संकट गहराता जा रहा

भाजपा से निष्कासित किए जाने के बाद हरक सिंह रावत फिर से कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। लेकिन उनके ऊपर लगातार गंभीर आरोपों और एजेंसियों की कार्रवाइयों ने उनके राजनीतिक भविष्य को संकट में डाल दिया है।

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