उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। यह मामला 2022 में सामने आया था, जब 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या कर दी गई थी। राजनीतिक दबाव और जन आक्रोश के चलते यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा।
कब क्या हुआ?
28 अगस्त 2022 – अंकिता भंडारी ने पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम शुरू किया।
18 सितंबर 2022 – अंकिता की हत्या कर दी गई।
24 सितंबर 2022 – अंकिता का शव ऋषिकेश के चिल्ला नहर से बरामद हुआ।
जनवरी 2023 – कोटद्वार की अदालत में मामले की पहली सुनवाई हुई।
मार्च 2023 – विशेष जांच दल (SIT) ने 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
30 मई 2025 – कोटद्वार कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
न्यायिक कार्रवाई
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 354 (महिला की मर्यादा का उल्लंघन) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत तीनों आरोपियों को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों के बयान दर्ज कराए और डिजिटल व फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर दोष सिद्ध किया।
पूरे उत्तराखंड पर रहा असर
अंकिता की हत्या ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर दिया था। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, जो एक पूर्व भाजपा राज्यमंत्री का बेटा है, की संलिप्तता ने इस मामले को अत्यधिक संवेदनशील बना दिया। मामले में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने SIT जांच के आदेश दिए और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा गया।
पीड़ित परिवार ने और सख्त सजा की मांग की
अंकिता की मां ने न्यायालय से दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। परिवार ने इस फैसले का स्वागत किया लेकिन उच्च न्यायालय में अपील कर दोषियों को सख्त सजा दिलवाने की बात कही।