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देहरादून-ऋषिकेश की सड़कों में अब नहीं नजर आएंगे ऑटो-विक्रम, जानिए क्या है वजह

देहरादून और ऋषिकेश को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत चयनित किया गया है. इन शहरों को मार्च 2023 तक प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना है.

देहरादून और ऋषिकेश शहर में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो-विक्रम सड़क से बाहर हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देहरादून और ऋषिकेश को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत चयनित किया गया है. इन शहरों को मार्च 2023 तक प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना है. ऐसे में आरटीए अगले चार महीने में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो-विक्रम को सड़क से बाहर करने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि  एक नंवबर को गढ़वाल आयुक्त कैंप कार्यालय में होने वाली संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक में यह प्रस्ताव आएगा. 

दरअसल, दून और ऋषिकेश शहर में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण को बढ़ाने में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. ऑटो और विक्रम भी शहरों की आबोहवा को प्रदूषित कर रहे हैं. वहीँ पेट्रोल-डीजल ऑटो-विक्रम के परमिट पर संचालक सीएनजी वाले ऑटो-विक्रम ले सकते हैं. इसमें प्राथमिकता उनको मिलेगी, जो डीजल-पेट्रोल के ऑटो-विक्रम चला रहे थे. साथ ही, आरटीए यह भी विचार कर रहा है कि यदि कोई विक्रम की जगह बीएस-6 सवारी गाड़ी लेता है तो उसका परमिट भी परिवर्तित कर दिया जाएगा.  फिलहाल सरकार का फोकस देहरादून-ऋषिकेश पर है, लेकिन हरिद्वार और रुड़की से भी ऑटो-विक्रम हटाए जा सकते हैं, क्योंकि संभागीय परिवहन प्राधिकरण के आदेश इन क्षेत्रों में भी लागू होते हैं.

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