उत्तराखंड

नवरात्र में उत्तराखंड के इस मंदिर में दर्शन से पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना, जानें यहाँ की अनोखी मान्यताएं

आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं.जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां महाकाली रात्रि विश्राम करती हैं.पिथौरागढ़ जिले का गंगोलीहाट में स्थापित हाट कालिका एक शक्तिपीठ है.

नवरात्र का वक्त चल रहा है.इस दौरान मां की साधना में सभी तल्लीन रहते हैं.कहा जाता है कि इस दौरान देवी मां से जुड़ी उन कहानियों और उन मंदिरों के बारे में जानना चाहिए, जहां आज भी मां का जागृत रूप मौजूद है.इसलिए आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं.जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां महाकाली रात्रि विश्राम करती हैं.पिथौरागढ़ जिले का गंगोलीहाट में स्थापित हाट कालिका एक शक्तिपीठ है.जो उत्तराखंड के लोगों के ही नहीं बल्कि मां शक्ति में विश्वास रखने वाले भक्तों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है.मान्यता है कि यहां सच्चे भाव से जो भी आता है अपनी मनोकामना जरूर पूरी होती है. यूं तो वर्ष भर यहां भक्त दर्शन के लिए आते हैं पर नवरात्रि में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. उत्तराखंड ही नहीं अन्य प्रदेशों के भक्त भी यहां मां हाट कालिका के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि मंदिर के अंदर रात्रि भोज के बाद माता का शयनकक्ष में बिस्तर लगाया जाता है और रात्रि में मुख्य द्वार पर ताले लगाए जाते हैं. सुबह की आरती के समय जब पुजारी मंदिर के कपाट खोलते हैं तो बिस्तर सिमटा मिलता है. कहा जाता है कि माता प्रतिदिन मंदिर में आती हैं.

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मां हाट कालिका माता को सेना की कुमाऊं रेजिमेंट अपनी आराध्य देवी मानती है. कहा जाता है बहुत पहले कुमाऊं रेजिमेंट की एक यूनिट समुद्र मार्ग से कहीं जा रही थी. समुद्री तूफान आने से जहाज डूबने लगा तो जहाज में सवार कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों ने मां महाकाली को पुकारा. कहा जाता है कि उसके बाद जहाज समुद्र तट तक सकुशल पहुंच गया. तब से यहां पर कुमाऊं रेजिमेंट मंदिर की देखरेख करने के साथ रेजिमेंट के कुछ जवान मां की सेवा में नियमित रूप से रहते हैं. साथ ही इस मंद‍िर की व‍िशेष बात यह है क‍ि यहां मां काल‍िका का डोला स्‍वयं भक्‍त की मनोकामना को दीवार पर ल‍िखता है. वहीं इसका समाधान भी बताया जाता है. गंगावली की सुनहरी घाटी में ये मंदिर स्थित है.इस स्थल की बनावट त्रिभुजाकार बतायी जाती है.ये ही त्रिभुज तंत्र शास्त्रों के मुताबिक माता का साक्षात् यंत्र है.महाकाली के इस मंदिर में भक्तों की अपार आस्था जुड़ी हुई है.नवरात्रों पर आप भी यहां जाएं.

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