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उत्तराखंड में लापरवाह स्वास्थ्य सिस्टम की वजह से हुई एक और मासूम की मौत, भर्ती करने के बजाय भेज दिया था घर

हर पांच साल में सरकारें बदलती हैं, लेकिन अस्पतालों के हाल नहीं बदलते. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, तो वहीं जिन अस्पतालों में डॉक्टर हैं भी, वहां भी लापरवाही चरम पर है.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. हर पांच साल में सरकारें बदलती हैं, लेकिन अस्पतालों के हाल नहीं बदलते. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, तो वहीं जिन अस्पतालों में डॉक्टर हैं भी, वहां भी लापरवाही चरम पर है. अब ऋषिकेश में ही देख लें. यहां राजकीय अस्पताल में सिस्टम की लापरवाही की वजह से एक दुधमुंही बच्ची की जान चली गई. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने बच्ची को भर्ती करने की बजाय महज दवाई लिखकर चलता कर दिया. अगले दिन जब बच्ची को भर्ती किया गया तो बहुत देर हो चुकी थी. अब बच्ची इस दुनिया को छोड़ कर चली गई है. बच्ची के पिता ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस को शिकायत पत्र दिया है. ऋषिकेश चंद्रेश्वर नगर, गली नंबर 19 निवासी राजकुमार ने बताया कि उसकी आठ माह की पुत्री निधि को मंगलवार को उल्टी की शिकायत हुई. उनकी पत्नी सीमा बच्ची को लेकर रात में राजकीय चिकित्सालय की आपातकालीन सेवा में पहुंची.

उन्होंने इलाज के लिए इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से बच्ची को एडमिट करने की गुहार लगाई, लेकिन डॉक्टरों ने बच्ची को दवाई देकर चलता कर दिया. साथ ही उनसे कहा गया कि दवाई से बच्ची ठीक हो जाएगी और सुबह ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाने को कहा. वहीं, परिजन बच्ची को घर ले गए. सुबह के समय दवाई देने के बावजूद बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. आनन-फानन में परिजन फिर राजकीय अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने फिर पर्ची बनवाकर ओपीडी में चेकअप कराने के लिए कहा. करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर के पास नंबर आया. जहां चेकअप के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया. बच्ची की मौत की खबर सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. दुधमुंही बच्ची की मौत पर परिजन बिलख पड़े और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर कोसने लगे.

बच्ची की मां सीमा और पिता राजकुमार ने आपातकालीन सेवा में बीती रात उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रात में ही यदि बाल रोग विशेषज्ञ को बुला लिया गया होता तो आज उनकी बच्ची जीवित होती. वहीँ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि बच्ची के पिता ने शिकायत पत्र दिया है. जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून से नियमानुसार जांच कराई जा रही है. बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पीके चंदोला ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. जांच में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति सीएमओ को की जाएगी.

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