उत्तराखंड में मौसम लगातार बदल रहा है.प्रदेशभर में मॉनसून की आहट के साथ ही झमाझम बारिश का दौर जारी है. आपदा के लिहाज से उत्तराखंड वैसे ही संवेदनशील राज्य है.ऊपर से बरसात में पहाड़ी इलाकों में जगह-जगह से आपदा की संवेदनशील खबरें सामने आ रही हैं. बीती रोज हुई बारिश की वजह से नेशनल हाईवे सहित 88 सड़कें बंद हो गई है जिससे चारधाम यात्रियों समेत स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बारिश के बाद सड़कें बंद होने से तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें दोगुनी हो गईं है.सड़क बंद होने से यात्रियों को सड़क पर ही रात गुजारनी पड़ रही है.प्रशासन द्वारा बंद सड़कों को खोलने को युद्धस्तर पर कार्य किया गया है, ताकि यात्रियों की मुश्किल कम हो सके।विभागीय सूत्रों की मानें तो पर्वतीय जिलों में खराब मौसम बंद सड़कों को खोलने में बाधा बन रहा है.
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अयाज अहमद ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने के लिए 233 जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं.उन्होंने बताया कि सोमवार तक राज्य में 64 सड़कें बंद थी.लेकिन बुधवार को हुई बारिश से 60 अन्य सड़कें भी बंद हो गई.हालांकि दिनभर में विभाग की ओर से बंद में से 36 सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया.जिससे अब राज्य में 88 सड़कें बंद चल रही हैं.उन्होंने कहा कि इन सड़कों को खोलने के प्रयास चल रहे हैं.राज्य में प्रमुख रूप से बंद सड़कों में थल-मुन्सयारी राज्य मार्ग, बडेथी- बद्रीगाड मोटर मार्ग, लम्बगांव- मोटना – रजाखेत – घनसाली मोटर मार्ग, हरिपुर- इच्छाड़ी- क्वानू- मीनस मोटर मार्ग, कालसी- चकराता मोटर मार्ग और चकराता- लाखामंडल मोटर मार्ग शामिल हैं.वहीं, मौसम विभाग ने आज भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है.