अब हेमकुंड साहिब और केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को दर्शन करने में आसानी होगी, यहां रोपवे शुरू करने के लिए मंजूरी मिल गई है. कहा जा रहा है कि हाई अल्टिट्यूड वाले इन तीर्थस्थलों पर हेलीकॉप्टर सेवा के बाद रोपवे सेवा मिलने से श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी. सोमवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की 22वीं बोर्ड बैठक में कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे का निर्माण 1200 करोड़ और हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट रोपवे का निर्माण 850 करोड़ से किया जाएगा.
एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने दोनों रोपवे की डीपीआर तैयार कर ली है. अब वन भूमि हस्तांतरण के लिए केंद्र के साथ प्रक्रिया चल रही है.इसके अलावा पंच कोटी से बौराड़ी, बलाटी बैंड से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, औली से गौरसौं और रानीबाग से हनुमान गढ़ मंदिर के बीच रोपवे के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है. पर्यटन मंत्री ने कहा कि औली को साहसिक गतिविधियों के लिए ट्रेनिंग हब के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए मास्टर प्लान के लिए 1.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई. बुग्यालों में ट्रेकिंग को शुरू करने के लिए सरकार प्रयास करेगी. ट्रेकिंग की अनुमति के लिए हाईकोर्ट के समक्ष पक्ष रख जाएगा.