आज के युवा तकनीक के क्षेत्र में काफी आगे निकल गया है. तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवाओं का हुनर देखने को मिल जाता है. एक ओर जहाँ बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच गई है वहीं दूसरी ओर राज्य के कुछ होनहार युवा ऐसे भी हैं जो स्वरोजगार के दम पर सफलता की नई कहानियां लिख रहे हैं. जी हाँ आज हम आपको उत्तराखंड ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने लॉकडाउन में अपने व्लॉग चैनल की शुरुआत की और आज भारत का नंबर वन व्लॉगर बन गया. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के टोटाशिलिंग, कौसानी निवासी एवं वर्तमान में हल्द्वानी में रहने वाले सौरभ जोशी की, जो आज देश के सफलतम व्लागिंग यूट्यूबर बन चुके हैं.
सौरभ के पिता हरीश जोशी बताते हैं कि 22 साल वह हरियाणा में रहे. आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी. उन्होंने परिवार पालने के लिए कारपेंटरी शुरू की. लोगों के घरों में जाकर पेंट, पुट्टी व पीओपी करते थे. पूरे दिन काम करने पर मात्र दो-चार सौ रुपये मिला करते थे. इन रुपयों से परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थी. बेटे ने यूट्यूब में व्लाग बनाकर उनकी जिंंदगी ही बदल दी. आज वह जो कुछ हैं बेटे की वजह से हैं. सौरभ की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बदल गई है वहीं इससे उनके परिजन भी काफी खुश हैं. कुल मिलाकर सौरभ अपनी इस अभूतपूर्व सफलता से राज्य के अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं.