उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ जंगलों में आग लगने के मामले भी बढ़ने लगे हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में आग लगातार बढ़ती जा रही है, लोगों को सांस लेने में भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दिनों से जिले के विभिन्न हिस्सों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जंगलों से होते हुए आग अब रिहायशी इलाकों की ओर रुख करने लगी है. पिछले 24 घंटे में 227 घटनाओं में 561 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है. जबकि अब तक कुल 1443 वनाग्नि की घटनाएं रिपोर्ट की जा चुकी हैं.
प्रदेश में कुल 227 स्थानों पर जंगलों में आग लगी. एक व्यक्ति के आग में झुलसने की सूचना है. मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में गढ़वाल में आरक्षित वन क्षेत्र में 43, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 76, कुल 119 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं है. बुधवार को वनाग्नि की सबसे अधिक घटनाएं सामने आईं है.
कुमाऊं क्षेत्र में आरक्षित वन क्षेत्र में 73, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 26, कुल 99 घटनाएं दर्ज की गईं है. इसी तरह से संरक्षित वन्य जीव पार्कों में भी वनाग्नि की नौ घटनाएं रिपोर्ट की गईं है. वनाग्नि की इन घटनाओं में कुल 561 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. फायर सीजन में इस वर्ष अब तक वनाग्नि की कुल 1443 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इनमें गढ़वाल में 642, कुमाऊं में 724 और संरक्षित वन्य जीव क्षेत्र की 77 घटनाएं शामिल हैं. इनमें 2432.62 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. जबकि 60 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति का आकलन किया गया है. जिस तेजी से घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे 2016 और बीते वर्ष लगी भीषण आग का रिकॉर्ड टूटता दिखाई दे रहा है. वहीं पांच लोगों के घायल होने के साथ एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है.
वनाग्नि घटनाओं की जानकारी इन नंबरों पर दें-
- टोल फ्री नंबर – 18001804141
- फोन नंबर – 0135- 2744559
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