एम्स ऋषिकेश 4.41 करोड़ के घोटाले का खुलासा, CBI ने 5 अधिकारियों समेत 8 पर दर्ज किया मुकदमा
ऋषिकेश AIIMS में 4.41 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. सीबीआई ने स्वीपिंग मशीन और फर्जी ढंग से मेडिकल स्टोर स्थापित करने के अलग-अलग मामलों में एम्स के पांच अधिकारियों समेत आठ लोगों मुकदमे दर्ज किए हैं.
उत्तराखंड में लोग बेहाल स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रहे हैं . वर्ष 2012 में एम्स ऋषिकेश की स्थापना हुई जिसके बाद एक आश जगी थी कि राज्य की गरीब जनता को राहत मिल सकेगी . लेकिन जिस तरह की घटनाएं बनने के बाद से ही हो रही है वह चिन्ताजनक है . संस्थान में गड़बड़ी की खबरें काफी समय से सुर्खियों में हैं . राज्य सरकार की नाक के नीचे इन संस्थाओं में जिस तरह की अनियमितताएं आए दिन सामने आ रही हैं, यह समझने के लिए काफी है कि राज्य की दशा और दिशा किस ओर जा रहा है . वहीँ अब ऋषिकेश AIIMS में 4.41 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. सीबीआई ने स्वीपिंग मशीन और फर्जी ढंग से मेडिकल स्टोर स्थापित करने के अलग-अलग मामलों में एम्स के पांच अधिकारियों समेत आठ लोगों पर दो मुकदमे दर्ज किए हैं.
आपको बता दें की बृहस्पतिवार रात सीबीआई ने एम्स में दवा और उपकरणों में अनियमितताओं के मामले में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली समेत 24 स्थानों पर छापा मारा. छापा पड़ने की खबर से एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. इस दौरान सीबीआई टीम ने एम्स के अधिकारियों और संबंधित कंपनियों के मालिकों से पूछताछ की. धांधली की पुष्टि होने पर सीबीआई ने एम्स के पांच अधिकारियों और एक फर्म के मालिक के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया. वहीं एम्स में स्थापित मेडिकल स्टोर के दो मालिकों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया है. स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ और फर्जी तरीके से मेडिकल स्टोर स्थापित करने में दो करोड़ के नुकसान की पुष्टि हुई है. एक तरफ जहां आम लोगों को नौकरी के लिए सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ा है . वहीं एम्स जैसे बड़े संस्थानों में अवैध तरीके से कई लोग नौकरी पाने में सफल हुए हैं . राज्य में हर वर्ष रोजगार की तलाश में हजारों युवा परीक्षा में बैठ रहे हैं लेकिन नौकरी नहीं मिल पा रही है . राज्य में निरंतर नियुक्तियों में विवाद मानो नियति बन गया है.