उत्तराखंड में CM पुष्कर सिंह धामी के शपथ लेने के बाद उनके लिए सुरक्षित सीट की तलाश शुरू हो गई है. असल में विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट से हारने वाले धामी को छह महीने में विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है. लेकिन यही सबसे बड़ा सवाल है. उनके विधायक बनने के लिए कांग्रेस या बीजेपी का कौन विधायक अपनी सीट छोड़ेगा. इसी बीच खबर आ रही है कि भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस विधायक पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट खाली कर सकता है. अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता मगर ऐसे कई मौके आ चुके हैं जब गैर विधायक सीएम के लिए विपक्षी दल में सेंध लगाकर ही विधानसभा जाने का रास्ता बनाया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट तलाश अभियान से कांग्रेस में भी खासी बेचैनी दिखाई दे रही है.
आपको बता दें की उत्तराखंड में अभी तक दो बार ऐसे मौके आए हैं जब दूसरे पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़ दिए. पहली बार 2007 में जब बीजेपी ने बीसी खंडूड़ी को सीएम बनाया था. बीजेपी सरकार के सीएम खंडूड़ी के लिए कांग्रेस विधायक लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत (रि) ने सीट छोड़ी थी. वहीं, दूसरी बार 2012 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उस समय पार्टी ने विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया था. विजय बहुगुणा उस वक्त सांसद थे. उनके लिए सितारगंज से बीजेपी विधायक किरन मंडल ने विधान सभा की सीट खाली की थी. और अब एक बार फिर उत्तराखंड में ऐसी ही स्थिति है तो देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री धामी किसी बीजेपी विधायक की सीट खाली कराकर चुनाव लड़ते हैं या खंडूरी और विजय बहुगुणा स्टाइल में विपक्षी दल के विधायक की सीट खाली करवाकर चुनाव लड़ते हैं.