प्रेमी जोड़ों के बीच इन दिनों वैलेंटाइन डे का क्रेज जोरों पर हैं. आपको बता दें रोज डे के साथ 7 फरवरी को इसकी शुरुआत होती है और 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि वेलेंटाइन-डे मूल रूप से संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है. आपको बता दें वैलेंटाइन डे वैसे तो पश्चिमी सभ्यता की देन है, पर इसका संबंध भारत के उत्तराखंड से भी है. आपको बता दें इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहान है. पहाड़ों की रानी से मशहूर मसूरी में पहला वैलेंटाइन खत 1843 को लिखा गया था. इसे इत्तेफाक ही कहें कि इसकी शुरूआत भी उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मसूरी से हुई. इंग्लैंड में जन्मे मोगर मांक उन दिनों मसूरी में जॉन मेकेनन के बार्लोगंज स्थित में स्कूल में लेटिन भाषा के शिक्षक थे. इसी दौरान उन्हे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया. जिसके बाद मोगर मांक ने 14 फरवरी 1843 को मसूरी से एक खत अपनी बहन के नाम इंग्लैंड ‘यूके’ प्रेषित किया.
जिसमें उन्होंने अपनी बहन मारग्रेट मांक को नाम लिखे खत में अपनी भावनाओं को उजागर करते हुए कहा कि ‘प्रिय बहन, आज वैलेंनटाइन डे के दिन में यह पत्र लिख रहा हूं. मुझे एलिजाबेथ लुईन से प्यार हो गया है.मैं उसके साथ बहुत खुश है. मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज बताते हैं कि वर्ष 1849 में जब मोगर मांक का निधन हुआ तब वह मेरठ में रह रहे थे. वैलेंटाइन डे के दिन लिखे गए उनके इस खत का पता तब चला जब 150 साल बाद मोगर मांक के रिश्तेदार एंड्रयू मोर्गन ने वर्ष 1828 से 1849 के बीच लिखे गए पत्रों का जिक्र मसूरी मर्चेंट इंडियन लेटर्स पुस्तक में किया.इसके बारे ने मसूरी के प्रसिद्ध इतिहासकार गोपाल भारद्वाज कहते हैं कि यूरोप में वेलेंटाइन डे हजारों साल पहले से मनाया जाता है. लेकिन, ऑन रिकार्ड के अनुसार मोगर मांक वर्ष 1828 से 1849 तक मसूरी में रहे. इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम वेलेंटाइन डे का जिक्र 14 फरवरी 1843 में अपनी बहन को लिखे पत्र में किया। इससे पहले का ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. जिसमें वेलेंटाइन डे का जिक्र हुआ हो.