उत्तराखंड में कोविड की नई गाइडलाइन जारी, नाइट कर्फ्यू में मिली दो घंटे की छूट
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले हर किसी के माथे पर बल डाल रहे हैं। यद्यपि, सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कोविड गाइडलाइन जारी की है, लेकिन इसके अनुपालन की सबसे बड़ी चुनौती है।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले हर किसी के माथे पर बल डाल रहे हैं। यद्यपि, सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कोविड गाइडलाइन जारी की है, लेकिन इसके अनुपालन की सबसे बड़ी चुनौती है। साथ ही आमजन को भी गाइडलाइन का पालन करते हुए स्वयं के साथ ही दूसरों को बचाने के लिए आगे आना होगा।चूंकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को हैं। नियमों के हिसाब से इसके 48 घंटे पहले यानी 12 फरवरी से चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी। ऐसे में 11 फरवरी तक पहले से ही बड़ी रैलियों, रोड शो पर रोक है तो प्रत्याशियों को केवल 12 फरवरी का समय मिल सकता है। हालांकि अभी चुनाव आयोग इसकी समीक्षा करने के बाद ही आगामी निर्देश जारी करेगा।
शासन की ओर से सोमवार को जारी एसओपी के मुताबिक व्यापारिक प्रतिष्ठान (बाजार) सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक खुल सकेंगे। राज्य के समस्त जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, स्पॉ, सैलून, थियेटर, ऑडिटोरियम, सभा कक्ष आदि व इनसे संबंधित समस्त गतिविधियां कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होंगी। राज्य में स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क 11 फरवरी तक बंद ही रहेंगे। खेल संस्थान स्टेडियम एवं खेल के मैदान खिलाडियों के प्रशिक्षण के लिए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जाएंगे। साथ ही प्रदेश में कक्षा एक से 9वीं तक के स्कूल अगले आदेश तक भौतिक रूप से बंद रहेंगे। इनमें ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों को भी अगले आदेश तक बंद रखा गया है। हालांकि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की निकायों द्वारा आयोजित परीक्षाओं के संचालन की अनुमति होगी।
समस्त सामाजिक, खेल गतिविधियां, मनोरंजन, विवाह समारोह व सांस्कृतिक समारोह में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति होगी। होटलों में स्थित सभागार, स्पा या जिम 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे, जो गतिविधियां निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों में प्रतिबंधित हैं, उन गतिविधियों के संचालन की अनुमति नहीं होगी। राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित इंडोर मीटिंग में अधिकतम 500 व्यक्तियों या स्थान, हॉल की क्षमता का 50 प्रतिशत व्यक्तियों (जो भी कम हो) उतने ही प्रतिभागियों के साथ आयोजित करने की अनुमति होगी। वहीं, चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर 11 फरवरी तक रोक और अन्य प्रतिबंध व राहत भी एसओपी में शामिल की गई है।