डेस्क: मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पीएम मोदी को ‘द ग्रांड कमांडर ऑफ ऑर्डर ऑफ स्टार एंड की ऑफ इंडियन ओशन’ प्रदान किया जाएगा।
रामगुलाम ने कहा कि पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय और कुल पांचवें विदेशी नागरिक हैं। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को मान्यता देता है। यह किसी अन्य देश की ओर से पीएम मोदी को दिया गया 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार होगा।
पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा और महत्वपूर्ण बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे हैं। इस दौरान वे मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्म गोखूल, प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। रामगुलाम ने यह घोषणा एक भव्य सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान की, जिसे पीएम मोदी ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में 3500 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान: पीएम मोदी
सम्मान की घोषणा के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मॉरीशस की जनता और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “मॉरीशस भारत का करीबी समुद्री पड़ोसी, हिंद महासागर में एक प्रमुख भागीदार और अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है। इतिहास, भूगोल और संस्कृति हमें जोड़ते हैं। हमारी साझेदारी को और ऊंचाई देने के लिए मैं मॉरीशस के नेतृत्व के साथ चर्चा करने को लेकर उत्सुक हूं।”
मॉरीशस की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में भारत की भूमिका
भारत और मॉरीशस के बीच रक्षा सहयोग पिछले एक दशक में और मजबूत हुआ है। यह भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighbourhood First) नीति और ‘सागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसे पीएम मोदी ने 2015 में मॉरीशस में पेश किया था।
2015 में पीएम मोदी ने मॉरीशस की यात्रा के दौरान ‘MCGS Barracuda’ को नेशनल कोस्ट गार्ड में शामिल करने के अवसर पर इस नीति को रेखांकित किया था। यह मॉरीशस के लिए भारत में निर्मित पहला युद्धपोत था।
भारत-मॉरीशस संबंधों को मिलेगी नई ऊंचाई
पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई मजबूती देने, सुरक्षा और विकास में सहयोग बढ़ाने और हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।