उत्तराखंड अपनी गाड़ी से आने वाले लोगों को अब ग्रीन सेस चुकाना होगा. दरअसल, पिछले वर्षों में प्रदेश में आने वाले वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. पर्यटन और चार धाम यात्रा के लिए लोग अपने वाहनों से प्रदेश में आ रहे हैं. वाहनों की भारी संख्या के कारण पहाड़ों पर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है. सरकार ने अब इन वाहनों से प्रवेश शुल्क के रूप में ग्रीन सेस वसूलने की तैयारी की है. पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से इस संबंध में शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की गई है. इसमें ग्रीन सेस लागू किए जाने के प्रावधान का जिक्र किया गया है. हिमाचल प्रदेश में पहले से ही ग्रीन सेस की व्यवस्था लागू किया गया है. उत्तराखंड सरकार की ओर से की गई नई व्यवस्था के बाद यूपी, दिल्ली- एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से उत्तराखंड में घुमने अपने वाहनों से आने वाले लोगों का अब खर्च बढ़ जाएगा.
परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी का कहना है कि ग्रीन सेस व्यवस्था को फास्टैग से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है. फास्टैग से जुड़ने पर टोल प्लाजा पर वाहनों से टोल के साथ ग्रीन सेस भी कट जाएगा. ग्रीन सेस की अधिसूचना जारी होने के बाद व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश की जा रही है. दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों से कटने वाला ग्रीन सेस पूरे दिन के लिए मान्य होगा. एक स्थान पर सेस कटने के बाद दोबारा नहीं कटेगा. इसके अलावा सरकार की ओर से सेस के एकमुस्त भुगतान की भी व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. यह व्यवस्था तिमाही और सालाना है. हर रोज लगने वाले ग्रीन सेस का 20 गुना भुगतान करने पर तीन महीने तक ग्रीन सेस नहीं लिया जाएगा. व्यवसायिक वाहन इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.