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देवभूमि के जांबाज ने देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान, घर के इकलौते चिराग की मौत से परिवार में मातम

उत्तरकाशी के कुमराड़ा गांव निवासी भारतीय सेना की गढ़वाल स्काउट में राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए.

उत्तराखंड के लिए एक दुखद खबर सामने आई है. उत्तरकाशी  के कुमराड़ा गांव निवासी भारतीय सेना की गढ़वाल स्काउट में राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए. उनके बलिदान की सूचना से गांव व क्षेत्र में शोक की लहर है. बुधवार को बलिदानी राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा. जहां पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा.

जानकारी के अनुसार, भारत-चीन सीमा के नीति घाटी की गोल्डुंग पोस्ट में तैनात राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत गत दिवस अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे, इस दौरान ड्यूटी के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए. बताया कि शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग था. उसकी दो छोटी बहने हैं. दो माह पहले ही उसके पिता कृपाल सिंह कठैत के निधन पर वह घर आए थे. यहां पिता का अंतिम संस्कार कर ड्यूटी पर लौटा थे. उनके बलिदान से उसकी पत्नी अंजू और मां ध्यान देई का रो-रोकर बुरा हाल है. शैलेंद्र की पांच और एक वर्ष की दो छोटी बेटियां हैं.

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