उत्तराखंड

उत्तराखंड में 7वीं- 8वीं शताब्दी के 2 पौराणिक मंदिर हुए गायब, ASI के अध्ययन में हुआ खुलासा

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के अल्मोड़ा में मौजूद दो पौराणिक मंदिरों के खंडहर भी गायब हो गए हैं.

एएसआई देहरादून सर्किल टीम ने बताया है कि देवभूमि उत्तराखंड के दो महत्वपूर्ण मंदिर और उनकी मूर्तियां अपने स्थान पर नहीं है.एएसआई देहरादून सर्किल की टीम ने इनका निरीक्षण किया है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही एएसआई मुख्यालय दिल्ली को भेजी जाएगी. वहीं दूसरी ओर एएसआई की टीम जल्द ही चकराता के रोमन शैली में बने ऐतिहासिक स्कॉटिश व एंगलिक चर्चों का संरक्षण करने जा रही है. अल्मोड़ा के द्वाराहाट में एक ऊंची पहाड़ी पर कुटुंबरी मंदिर था. इसका निर्माण आठवीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने कराया था. सात मंदिरों के साथ इसे भी एएसआई ने 26 मार्च 1915 को संरक्षित किया था. अंतिम बार 1957 में अभिलेखों में इसका उल्लेख मिला था. इसके बाद वर्ष 1964 में जमीन पर मंदिर के बहुत कम भौतिक साक्ष्य मिले. धीरे-धीरे मंदिर नक्शे से मिटता चला गया. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल अपने घरों में कर लिया है. हालांकि इसकी अभी जांच होनी बाकी है.

यह भी पढ़ें -  Chardham Yatra 2023: गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के लिए पंजीकरण शुरू, तीर्थयात्री यहां करें अप्लाई

पिछले दिनों एएसआई देहरादून ने इस मंदिर की एक रिपोर्ट एएसआई मुख्यालय को भेजी थी. मुख्यालय ने इसका भौतिक सर्वेक्षण कराने को बोला, जिस पर एएसआई देहरादून के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुमार सक्सेना की टीम ने अल्मोड़ा पहुंचकर बीते सप्ताह इसका निरीक्षण किया. रविवार को वह निरीक्षण कर लौट आए. निरीक्षण में उन्होंने पाया कि मंदिर के अवशेष नहीं बचे हैं. अब इसकी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी. दूसरा मंदिर, रामनगर में कार्बेट टाइगर रिजर्व के पास ढिकुली का वैराटपट्टन मंदिर है. वैराटपट्टन 7वीं शताब्दी में एक राजधानी क्षेत्र था, जहां अब घने जंगल हैं. वर्ष 2013 में यहां एक शिवालय के अवशेष मिलने के बाद एएसआई ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया था. लेकिन धीरे-धीरे यहां के अवशेष भी गायब हो गए. अब एएसआई ने इसे मिसिंग स्मारक की सूची में शामिल किया है. ये दोनों मंदिर देश के खोए हुए 50 स्मारकों की सूची में शामिल हैं.

Back to top button